टैटू | Tatoo kya hai ? Tatoo Kaise Bnaya Jata Hai? Tatoo Banwane Ke lie Sawdhaniyan ? Tatoo Banwane Ke Fayade Aur Nuksan ? Aadi ki puri jankai Hindi me

Tatoo || Tatoo kya hai ? Tatoo Kaise Bnaya Jata Hai? Tatoo Banwane Ke lie Sawdhaniyan ? Tatoo Banwane Ke Fayade Aur Nuksan ? Aadi ki puri jankai Hindi me 

हेल्लो , दोस्तों ! नमस्कार!! आप सभी का मेरे ब्लॉग ज्ञान का फूल में स्वागत है | दोस्तों आज के पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा की "Tatoo kya hai ? Tatoo Kaise Bnaya Jata Hai? Tatoo Banwane Ke lie Sawdhaniyan ? Tatoo Banwane Ke Fayade Aur Nuksan ? Aadi ki puri jankai Hindi me " इसलिए दोस्तों यदि आपको tatoo और tatoo से सम्बंधित इस प्रकार की सभी जानकारियां जानना है तो कृपया इस पोस्ट को लास्ट तक जरुर पढ़िए | जिससे आपको tatoo से सम्बंधित समस्त प्रकार की जानकारियाँ "Tatoo || Tatoo kya hai ? Tatoo Kaise Bnaya Jata Hai? Tatoo Banwane Ke lie Sawdhaniyan ? Tatoo Banwane Ke Fayade Aur Nuksan ? Aadi ki puri jankai Hindi me" प्राप्त हो जाएगा . 

दोस्तों ! आज दुनिया बदल चुका है है बदलते दुनिया के साथ लोग भी बदल चुके है | समय के साथ साथ लोगो का फैसन भी बदल चूका है | इन्ही बदलते हुए फैसन में गोदने को tatoo का नया स्वरुप मिला है | आज tatoo का फैसन पुरे विश्व में फ़ैल चूका है | विश्व में एसा कोई भी देश शेष नहीं होगा जहाँ tatoo का फैसन होगा | हमारा भारत तो tatoo से सदियों से जुदा हुआ है | tatoo की विशेष परम्पराएं भी पाई जाती है | पारम्परिक tatoo से ही आज के आधुनिक tatoo का चलन सामने आया है | 

tatoo कला द्वारा लोग अपने शारीर को रंगना पसंद कर रहे है | इतिहासीक युगों में भी लोगो अपने शरीरों को tatoo से रंगते आए है | tatoo से न केवल शारीर ही रंगता है बल्कि इससे लोगो का मनोबल भी मजबूत होता है, साथ ही साथ उनका आत्मविश्वाश और उत्साह भी बढ़ता है | tatoo से शारीर तो आकर्षक बनता ही है साथ ही tatoo से कुछ शारीरिक रोगों का उपचार भी संभवतः हो जाते है | कहा जाए तो tatoo के दीवानो के पास tatoo बनवाने के कई कारन मौजूद है जिससे सबका मन tatoo के पीछे चला आता है | और वे tatoo प्राप्त करने से, tatoo बनवाने से कभी भी पीछे नहीं हटते है |

जो लोग  tatoo के दीवाने tatoo होते है उन्हे अपने बदन में tatoo बनवाने में बड़ा आनंद आता है | साथ ही इनके tatoo को देखकर देखने वालों को आनंद आता होगा | tatoo से तो व्यक्ति के शारीर को सुन्दरता मिलता है , साथ ही बनवाने वाले को मीठे मीठे दर्द का एहसाश होता है | tatoo के द्वारा व्यक्ति को प्राप्त होने वाला दर्द इतना प्यारा होता है की बनवाने के बाद हमशा व्यक्ति को याद रहता है | tatoo वाला शारीर देखने वाले लोगो को बड़ा ही आकर्षक नजर आता है जबकि कुछ लोगो को tatoo भद्दा भी लग सकता है यह आपके सरीर पर बनाने वाले tatoo और आपके शारीर के रंग रूप और बॉडी पर निर्भर करता है , की आपके शारीर में कैसा tatoo जचता है |  

आइये दोस्तों .. अब tatoo के बारे में विस्तार से जानते है -  

१.  Tatoo kya hai ? [ टैटू क्या है ? ] 
tatoo ! शारीर को permanet पेंटिंग करने की कला है | जिसमे शारीर को रंगा जाता है | tatoo द्वारा मानव अपने शारीर को वर्षों से रंगते आ रहे है | व्यक्ति के शारीर पर सुइयों या निद्ल्स के द्वारा शरीर को चुभोकर उसमे शारीर को रंगने वाले इंक दाल दिया जाता है जिससे शारीर में जिस प्रकार से आकृति ब्ननया जाता है वह बनकर तैयार हो जाता है | जो की permanet होता है | tatoo बनाने के लिए इसे रंगों का इस्तेमाल किया जाता है जिनको शारीर के अन्दर सुइयों द्वारा डाले जाने पर शारीर के त्वचा को रंगा देते है | जिनका रंग शारीर पर जिंदगी भर रहता है | tatoo का रंग व्यक्ति के शारीर पर वर्षों तक रहता है | 

tatoo बनाने के लिए व्यक्ति के शारीर पर सुइयों से शारीर को छेद करके इंक को शारीर में डाला जाता है | पहले tatoo बनाने के लिए इंक के रूप में लकड़ी के कोयले के चूर्ण का इस्तेमाल किया जाता था | जो की शारीर के अन्दर जाकर शारीर को रंगा देता था | जिससे शारीर में विशेष तरह की आकृति बन जाता था | 

शारीर को रंगने के लिए  या शारीर में आकृति बनाने के लिए लोग या महिलाऐं मेहँदी और tatoo दोनों तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है | मेहँदी का रंग शारीर से कुछ दिनों के बाद निकल जाता है , जबकि tatoo के द्वारा बनाया गया आकृति व्यक्ति के शारीर पर वर्षों तक रहता है | इन्ही के कारण से व्यक्तियों या महिलाओं के द्वारा पुरातन काल से tatoo बनवाया जाता रहा है | 

tatoo का रंग : 
tatoo का रंग tatoo बनाने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले रंग के ऊपर निर्भर करता है | tatoo बनाने के लिए जिस तरह के रंगों का स्याही का इस्तेमाल किया जाएगा tatoo भी उसी रंग का ही बनेगा | 

पुराने ज़माने में tatoo बनाने के ले कोयले के राख का प्रयोग इंक के रूप में किया जाता था जिससे काले कलर या रंग का tatoo बनता था | नील रंग का tatoo बनाने के लिए .. काले तिल या बलोर के रस या रमतिला के तेल का प्रयोग किया जाता था | जमाना बदलने के साथ साथ tatoo बनाने के लिए इनके बाजय अब आधुनिक इन्कों या स्याही का प्रयोग किया जाता है | 

पहले के ज़माने में जो tatoo बनाये जाते थे वे काले और नील रंग के ही होते थे | लेकिन आज tatoo के लिए हर तरह के tatoo इंक मार्किट में मौजूद है जिनसे रंगीन tatoo बनाता है अर्थात tatoo के माध्यम से शारीर को किसी भी रंग में रंगाया जा सकता है | शारीर को रंगा कर ही कीसी भी शारीर में विशेष आकृतियाँ बनाया जाता है | 

गोदने या tatoo का रंग अधिकतर काला, लाल या हल्का नीला होता है | 

गोदना गुदवाने या tatoo बनवाने के कारन : 
दोस्तों ! शारीर में tगोदना गुदवाने या tatoo बनवाने के कई कारण और  उपयोग है जैसे - 

१. शारीर को सुन्दर बनाने या सजाने के लिए | 
२. पशुओं में ब्रांडिंग के लिए | 
३. पहचान के लिए | 
४. उत्साह वर्धन के लिए |
५. सजा के लिए 
६. कुरूप दिखने के लीए |
७. अद्भुत और आकर्षक नजर आने के लीए |
८. जाती या परम्परा निभाने के लिए | 
९. धार्मिक रीती रिवाजों का पालन करने के लिए | 

इन सभी कारणों से लोग चढ़ बढ़कर tatoo बनवाते है | 

गोदना कौन गुदवाते है ?  या tatoo कौन बनवाते है ? 
गोदना या tatoo स्त्री और पुरुषों के साथ साथ जानवरों या पशुओं को भी गुदवाया या tatoo बनवाया जाता है | जहाँ स्त्री और पुरुष tatoo द्वारा शारीर को सजाते है जिससे शारीर को सुन्दर बनांते है जबकि जानवरों में ब्रांडिंग के लिए tatoo बनाते है | इस प्रकार मनुष्यों के साथ साथ जानवरों को भी tatoo या गोदने द्वारा शारीर में विशेष आकृतिया बनाकर उन्हें कई रंगों में रंगाया जाता है | 

गोदना स्त्री या महिलाओं द्वारा सबसे अधिक बनाया जाता है | स्त्रिया आदिकाल से गोदना या tatoo बनवाती चली आ रही है | उनकी विशेष परम्पराएं भी रही है जिन परम्पराओं के अधीन रहकर  महिलाऐं पीढ़ी दर पीढ़ी tatoo बनवाते चली आई है |  स्त्रियों के शारीर में गोदने या tatoo के द्वारा पुराने जमाने में छत चिन्ह बनाया जाता था | जो की रंगीन होता था | इन्हें अक्सर भारत की गोंड और कई आदिवाशी समुदाय की महिलाऐं बनवाती थी | इन्ही छत चिन्हों के आधार पर लोग पहले कबीलों का पहचान किया करते थे | प्रत्येक काबिले में रहेने वाले स्त्रियाँ अपने काबिले के पहचान के लिए अलग अलग तरह के गोदने या tatoo बनवाया करती थी | 

गोदना या tatoo महिलाओं के लिए पहले अनिवार्य होता था | बिना tatoo या गोदने के बिना स्त्रियों का विवाह असंभव होता था | भारत के कई हिस्सों में और दुनिया या विश्व के कई और हिस्सों में स्त्रियों का विवाह या शादी से पूर्व गोदना अनिवार्य होता था | विवाह से पूर्व लड़कियों में छत चिन्हों के साथ साथ शारीर के प्रत्येक अंगो में तरह तरह की आकृतिया उन्केरी जाती थी | जिसके पश्वात ही किसी स्त्री का विवाह संपन्न होता था | विवाह से पहले स्त्रियों के चेहरों के साथ साथ उनके वक्ष या सीने में गोदना या tatoo किया जाता था | इसी के साथ साथ लड़कियों या स्त्रियों के पीठ, हाथ, पैर, पेट, कान, नाक, गला, जांघों, पंजों, उँगलियों, और यहाँ तक की प्राइवेट पार्ट में भी गोदना गोदे या tatoo बनवाए जाते थे | कहीं कहीं यह परम्परा आज भी असतित्व में है जहाँ महिलाओं पर इसी प्रकार से tatoo या गोदनेअब भी बनाए जाते है |

विश्व के कई देशों ने tatoo या गोदने का विस्तार किया , जिन्का सुरुवात सदियों पहले आदिकाल से ही हुआ था | जो की समय क साथ आधुनिकता की ओर बढ़ गया है | पहले लोग परंपरा और रीती रिवाजों को निभाने के लिए गोदना या tatoo बनवाया करते थे , लेकिन आज लोग शारीर को सजाने और खुद को आकर्षक बनाने के लिए गोदने या tatoo गुदवाने लगे है | लोग अपना उत्साह वर्धन के लिए tatoo या गोदने का इस्तेमाल करने लगे है | 

भारत में गोदने या tatoo को अधिकतर - गोंड, कामार, आदिवाशी महिलाऐं, बैगा स्त्रियों के द्वारा हि अपने शारीर में बनवाया जाता रहा है |  स्त्रिया हमेशा शारीर को सजाने में आगे रहते हुए अपने शारीर में गोदना या tatoo का कार्या करवा लेती है |  tatoo को वैशनव लोग, और शैव लोग भी अपने शारीर में बनवाते है | धार्मिक चिन्हों को भी लोग tatoo के रूप में बनवाकर अपने शरीर में रखना पसंद करते है | 







तो दोस्तों हमें उम्मीद है, कि आपको हमारी यह पोस्ट "टैटू | Tatoo kya hai ? Tatoo Kaise Bnaya Jata Hai? Tatoo Banwane Ke lie Sawdhaniyan ? Tatoo Banwane Ke Fayade Aur Nuksan ? Aadi ki puri jankai Hindi me "  पसंद आई होगी। 
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