पंथी गीत | बीजमंत्र सतनाम है, संत हिरदय सो खेत (Bij mantra Satnam hai, Sant Hriday So Khet | cg Panthi geet in hindi lyric ) :

पंथी गीत | बीजमंत्र सतनाम है, संत हिरदय सो खेत (Bij mantra Satnam hai, Sant Hriday So Khet | cg Panthi geet in hindi lyric ) :


बीजमंत्र सतनाम है, संत हिरदय सो खेत
अधर नागर चलावहि, सद्गुरु साहेब सेत
करमा बने हे, धरमा बोये हवय धान
नाम के नंगरिहा, चलय खेत जोते सियान
बल-रूपी बइला चाप-रूपी नांगर
धरम धरती के उपर रेंगे दुमन आगर
छरिया होइगे हैरान, गाभी बने हे गुमान
बु़द्धि के बियासी अउ नियम के निंदाई
प्रेम-रूपी पांत धरे चाल हे चलाई
पानी भरे हवे परान, ग्यान गंगा समान
सत रूपी सफरी हे मन मंदुरिया धान
बुद्धि दूबराज, बाको गुन गुरमटिया समान
धान लुवत हे किसान होवय देश महान


पंथी गीत का भावार्थ | Meanings of This Panthi Song : 

पंथी गीत | बीजमंत्र सतनाम है, संत हिरदय सो खेत (Bij mantra Satnam hai, Sant Hriday So Khet का भावार्थ | Meanings of This Panthi Song :

सतनाम ही बीज-रूपी महामंत्र हैं और संत पुरुष हृदय ही खेत हैं।

सद्गरु की कृपा से मनभावन लहलहाती फसल उपजेंगी। हे संत, जन-भाव भजन में ही चेत लगावें, ध्यान लगावें। कृषि वृत्ति द्वारा बाबा जी इस भजन के माध्यम से जनमानस को उपदेश देते कहते हैं कि सतरुपी पुरुष ही कुशल किसान बनकर इस संसार में धर्म-रूपी धान बो रहे हैं।

यहां सतनाम धारी हल चलाने निकल पड़े हैं। उनके पास पुरुषार्थ-रूपी बैल हैं, जो धर्म-रूपी धरती पर तेज गति से चल रहे हैं। तेजी से धान बोवते देख कर उन्हें सिंचित करने वाले दरिया, नदी, तालाब हैरान हैं कि कैसे इतने विशाल क्षेत्र को सिंचित कर सकेंगे। गाभी अर्थात् खेत का उपजाऊपन बडे ही गर्व से अपने अंदर स्वाभिमान भर रहे हैं कि इसे बेहतर तरीके से संवारेंगे। सारे खरपतवार निकाल दिए गए हैं। हर चीज प्रेम-पूर्वक आबद्ध है। कोई चीज अस्त-व्यस्त नहीं है। चाक-चौबंद होकर धर्म-रूपी कृषि कार्य निष्पादित हो रहे हैं। सद्गुरु ही सफल कृषक हैं। प्राण-रूपी पानी लबालब भरा हुआ है। ज्ञान की गंगा अनवरत प्रवाहमान है। ऐसे सम और सुखद संयोग से धान की बालियां लहलहा रही हैं। देखिए, उधर बुद्धि-रूपी दूबराज धान अपनी सुगंध फैला रहे हैं और इधर गुण-रूपी गुरमटिया धान भी इठालाने-झुमने लगे हैं। इस तरह सदगुरु इस महान देश में धर्म-रूपी धान उगाकर सर्वत्र सुख, शांति और सत्य का विस्तार कर रहे हैं।

पंथी गीत | बीजमंत्र सतनाम है, संत हिरदय सो खेत (Bij mantra Satnam hai, Sant Hriday So Khet | cg Panthi geet in hindi lyric )

About Author : Mr. Suraj Singh Joshi

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