जौहर प्रथा या जौहर क्रिया क्या है ? जौहर किये जाने का कारणों की पूरी जानकारी || What is Jauhar Pratha or Jauhar Kriya? Complete information about the reasons for committing Jauhar

जौहर प्रथा या जौहर क्रिया क्या है ? जौहर किये जाने का कारणों की पूरी जानकारी || What is Jauhar Pratha or Jauhar Kriya? Complete information about the reasons for committing Jauhar :

दोस्तों ! नमस्कार आप सभी का मेरे ब्लॉग ज्ञान का phool में स्वागत है | दोस्तों आज के इस पोस्ट में मैं आपको बताउंगा की - "जौहर प्रथा या जौहर क्रिया क्या है ? जौहर किये जाने का कारणों की पूरी जानकारी || What is Jauhar Pratha or Jauhar Kriya? Complete information about the reasons for committing Jauhar" तो दोस्तों यदि आपको इस प्रशन का उत्तर जानना है तो कृपया इस पोस्ट को अंत तक पूरा जरुर पढ़ें | जिससे आपको जौहर और साका की जानकारी प्राप्त हो सके |

जौहर प्रथा / JAUHAR PRATHA :

दोस्तों! जैसा की हम यहाँ जौहर प्रथा के बारे में बात कर रहे है तो , मैं आप लोगो को बताना चाहूँगा की जौहर प्रथा "क़ुरबानी का दूसरा नाम" जो की " सती प्रथा" से भी खतरनाक है |
 

जौहर प्रथा या जौहर क्रिया क्या है ? जौहर किये जाने का कारणों की पूरी जानकारी || What is Jauhar Pratha or Jauhar Kriya? Complete information about the reasons for committing Jauhar

जौहर का वास्तविक अर्थ :

दोस्तों ! जौहर का वास्तविक अर्थ इस प्रकार है की जिसे अगर समझ में आ जाए तो जौहर का नाम सुनने मात्र से उसकी रूह काप जाए एसा है ये जौहर शब्द अगर इसके अर्थ की बात कि जाए तो सीधा सीधा इसका अर्थ आत्मदाह है सामूहिक रूप से महिलाओं द्वारा अग्निकुंड में प्रवेश करके शारीर को भस्म करने की प्रक्रिया जौहर कहलाता है | जिसके बारे में कहना तो दूर इसके बारे में सोचना भी नही चाहेंगी। इतिहासिक युग में राजाओं और महाराजाओं की जिन जिन राजपूतानी महिलाओं ने जोहर किया था उनका नाम इतिहास के स्वर्ण अक्षरों में वीरांगनाओं में लिखा गया है जो आज भी अमर है | ये जौहर करने वाली महिलाऐं कोई साधारण महिला नहीं होती थी बल्कि राजपूतानी रानियाँ और एसो आराम में रहने वाली राजपूतानी रानिया और राजभवन के महिलाऐं होती थी | जो युद्ध में हार के दौरान अपनी प्राणों की बलिदान दे दिया करती थी |

जौहर का इतिहास :

दोस्तों ! भारत में जौहर का इतिहास बहुत पुराना है। कहा जाता  है कि जब राजा की युद्ध में हार निश्चित हो जाती थी या राजा वीरगति को प्राप्त हो जाता था तब वहां की रानियां जौहर करती थी। किले के अंदर बड़े-बड़े कुंड बने हुए थे। जौहर करने के लिए पुरे विधि विधान से राजभवन में या किलों में महिलाओं और रानियों द्वारा इन कुडो में अग्नि प्रज्वलित की जाती थी। जिसमे राजभवन की महिलाऐं और राजाओं की रानियाँ या  महिलाएं सामूहिक रूप में इस जलती कुंड में कूदकर अपने प्राण दे दिया करती थी। यह बडे ही शाहस की बात होती है। जब महिलाएं जौहर करती है।

1. भारत में प्रथम जौहर : 

दोस्तों! यदि हम जौहर के इतिहास को देखे तो कहा जाता है की जोहर का इतिहास 1301 ईस्वी के पूर्व का है | वहीँ कुछ लोग भारत में प्रथम जोहर को 336 ईसा पूर्व  कहते है । पुरातात्विक रूप में कहा जाता है की सन 1301 ईस्वी में ही भारत में प्रथम जौहर का घटना हुआ था | इसी इसवी सन में जब जौहर हुआ था उस दौरान दिल्ली में अलाउद्दीन खिलजी का साशन या सत्ता था | यह जौहर तब हुआ जब युद्ध में राणा रतन सिंह अलाउद्दीन खिलजी से हार गये या पराजित हो गए। जिसके बाद / पश्चात वहां की महारानी  जो की पद्मिनी थी उन्होंने अपने सील की रक्षा के लिए जौहर कर दिया | 

2. भारत में द्वितीय जौहर : 

कहा जाता है की भारत में दूसरा जौहर पद्मावती के जौहर के बाद ये दूसरा जौहर हुआ था | इस जौहर के संबंध में कहा जाता है की यह जौहर चित्तौड़ में हुआ था जिसका दिनांक या तारीख  "8 मार्च 1535" का था | जिसमें चित्तौड़ की महारानी कर्णावती ने 13000 नारियों के साथ जलते हुए आग के कुंड में कूद कर अपने प्राणों का बलिदान दे दिया था | इसे भारत में दूसरा जौहर कहा जाता है | 

3. भारत में तृतीय या तीसरा जौहर : 

दोस्तों ! भारत देश में अब तक दो जौहर का घटना हो चूका था | जो की अब समय के साथ एक प्रथा के रूप में सामने आया जिससे जौहर की घटनाएँ बढती ही जा रही थी | भारत में में तीसरा जौहर 1568 ईस्वी में हुआ। इस जौहर में राजा फतेह सिंह चुंडावत की पत्नी फुलकवर मेड़तानी के नेतृत्व में सैकड़ों और हजारों रानियों और महिलाओं ने जौहर करके अपने स्वयंम के आत्म सम्मान की रक्षा के लिए देश हित में स्वयं का बलिदान कर दिया था। 

 जौहर के बारे में कोई आम इन्सान सोच भी नहीं सकता है | लेकिन भारत तो भारत है यहाँ की औरतो में बलिदान की भावना और साहस कूट कूट कर भरा हुआ है | जो जौहर के रूप में ईतिहास के पन्नो में सद्दा अमर है | इस क्रिया या प्रथा में अग्नि कुंड में राजा महाराजाओं और नगर की स्त्रियाँ या महिलाऐं / राजपूत स्त्रियाँ जौहर कुंड में आग लगाकर स्वयं का बलिदान कर देती थी , अर्थात स्वयं अपनी मर्जी से अपने शारीर का आत्मदाह करके बलिदान कर देती थी | जौहर प्रथा के को इस प्रकार समझा जा सकता है की यह पुराने समय में भारत में राजपूत स्त्रियों स्व इक्षा से की जाने वाली अग्नि के कुंड में आत्मदाह करने की प्रथा थी. जौहर का एकमात्र कारन स्वयं का बलिदान करके अपन आत्म सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा करना होता था | 

जौहर प्रथा या जौहर क्रिया क्या है ? जौहर किये जाने का कारणों की पूरी जानकारी || What is Jauhar Pratha or Jauhar Kriya? Complete information about the reasons for committing Jauhar

जौहर प्रथा / क्रिया की सबसे अधिक घटनाएँ भारत पर मुग़ल शासन के दौरान जब भारत में बाहरी आक्रमणकारियों द्वारा आक्रमण होता था उसी दौरान भारत में और अन्य जगहों में जौहर की प्रथा / क्रिया या घटनाएँ घटित हुआ है | जो की काफी दर्दनांक प्रथा या आत्म दाह की क्रिया है | जिसमे सामूहिक रूप से नगर के महिलाएन और बच्चे सभी खुद का बलिदान किया करते थे | इस बलिदान के समय महिलाऐं दुल्हन की तरह सजकर जौहर कर लेती थी |

जौहर किये जाने का कारण :

जौहर की क्रिया या प्रथा का कारन कुछ एसा है की अधिकतर मुस्लिम आक्रमणकारी हमला करने के बाद हराकर स्त्रियों को लूटकर उनका शीलभंग किया जाता था जिसके कारण ही मुग़ल कालीन या प्राचीन एतिहासिक युग में महिलाऐं या स्त्रियाँ कीसी युद्ध के दौरान हार निश्चित हो जाने पर जौहर कर लेती थी. इतिहास में जौहर के अनेक उदहारण मिलते है. जिनके प्रमाण आज भी पुरातत्व विभाग में मौजूद है |

दोस्तों! जोहर के संबंध में चर्चा करने पर ही रूह कांप जाया करता है | ये जौहर या जौहर की प्रथा या क्रिया में महिलाओं द्वारा जीवित शरीर को अग्निकुंड को समर्पित कर दिया जाता था जो की कोई बच्चों का खेल नहीं था जौहर में बहुत ही साहस की होता था |  जौहर का करने का कारण भी उतने ही ज्वलंत या खूंखार होता था | कहा जाता है की देश में जब युद्ध हुआ करता था तब जब मुगल शासक राजा राजपूतों से युद्ध में विजय या जित प्राप्त करके महलों या किलों में घुसते थे  तो वे वहां के महारानी और वहां की सुन्दर सुन्दर महिलाओं को अपना बंधक बनाकर उनका कई प्रकार से शील भंग करके शोषण करते थे साथ ही साथ महिलाओं का बहुत ज्यादा अपमान भी किया करते थे | इन्ही अपमान और शील भंग से बचने के लिए महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से  जहर खाकर प्राण दे देती थी या फिर सभी महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से जौहर कर लेती थी। राजा या महाराज युद्ध जीतकर महलों में प्रवेश करके जौहर का नजारा देखा करते थे | जहाँ सैकड़ों और हजारों की संख्या में वहां की स्त्रियाँ आया महिलाए जो देशहित में अपने आत्म सम्मान को बचने के लिए अग्नि की कुंड में समाहित हो जाती थी | 

स्त्रियाँ या महिलाएं जहर खाकर मरने से अच्छा पुरे सम्मान के साथ जौहर द्वारा मरना पसंद करती थी |  जहर खाकर मरने से से उनके मृत सरीर का कई प्रकार से अपमान किया जाता था | इस कारण वे जौहर की अग्नि में प्रवेश करके अपने सुन्दर सुंदर शारीर को अग्नि कुंड में डालकर पांच तत्व में विलीन कर देती है और इस प्रकार के इतिहास के पन्नो में सदा सदा के लिए अमर हो जाती थी |  

इतिहासिक रूप में देखा जाए तो इतिहासिक युग में महिलाएं अपने सम्मान की रक्षा के लिए जौहर किया करती थी। जिसका कारन युद्ध हार प्राप्त होने पर विजय प्राप्त करने वाला राजा किले में प्रवेश कर रानियों तथा अन्य महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया करते थे। जिनसे बचने के लिए ऐसे में देश की वीरांगनाएं अपनी इज्जत सम्मान की रक्षा के लिए जौहर करती थी।

जौहर का दूसरा नाम " सामूहिक आत्मदाह" :

दोस्तों ! "जौहर का दूसरा नाम "आत्मदाह" है" जो महिलाओं की निडरता और देश के प्रति क़ुरबानी को दर्शाता है जो आत्म सम्मान को बचाने के लिए जौहर किया जाता था | 


जौहर प्रथा या जौहर क्रिया क्या है ? जौहर किये जाने का कारणों की पूरी जानकारी || What is Jauhar Pratha or Jauhar Kriya? Complete information about the reasons for committing Jauhar

ये जौहर किये जाने का कारन कुछ एसा है की युद्ध या लड़ाई के दौरान शत्रुओं के आक्रमण के समय राजपूत योद्धाओं के युद्ध से जीवित लौटने की कोई आशा नहीं रहती थी और न उनके दुर्ग या सेना का दुश्मन के हाथ से बचना सम्भव होता था, तो उस विपत्ति की घडी में स्वय के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए और सदा सुहागिन मरने के लिए स्त्रियाँ या महिलाऐं / स्त्रियों द्वारा सामूहिक रूप से अपने धर्म एवं आत्मसम्मान की रक्षा के लिए ‘अग्निदाह’ करने की प्रथा ही जौहर कहलाती है |

जौहर प्रथा से सम्बन्धी कुछ अन्य जानकारियाँ :

Q 1. जौहर क्रिया किसके द्वारा की जाती थी? जौहर क्रिया की सबसे अधिक घटनाएँ कब हुई थी?
Ans – जौहर क्रिया राजपूत स्त्रियों द्वारा की जाती थी. जौहर क्रिया की सबसे अधिक घटनाएँ भारत पर मुग़ल आदि बाहरी आक्रमणकारियों के समय में हुई थी.

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About Author : Mr. Suraj Singh Joshi

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