Aliens: क्या आपने कभी सोचा है कैसे दिखते हैं एलियंस? वैज्ञानिकों ने दी यह खास जनकारी ( How do aliens look expert say aliens look like a bacteria )
Aliens: क्या आपने कभी सोचा है कैसे दिखते हैं एलियंस? वैज्ञानिकों ने दी यह खास जनकारी ( How do aliens look expert say aliens look like a bacteria ) :
How Aliens Look: दुनियाभर में एलियन्स को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते हैं। इंटरनेट पर मौजूद कई वीडियो और तस्वीरों में भी एलियन्स को दिखाया गया है, जो काफी विचित्र से दिखाई पड़ते हैं। वहीं फिल्मों की बात की जाए तो अक्सर एलियन्स को छोटे कद का, लाल या हरे रंग वाला जीव दिखाया जाता है। कई बार तो इन्हें इंसान की शक्ल में भी दर्शाया जाता है। पर क्या एलियन्स सच में होते हैं? अगर इनका अस्तित्व है तो सवाल ये है कि आखिर ये दिखने में कैसे हैं और इनका आकार क्या है? वैज्ञानिक इस सवाल का जवाब जानने की कोशिश काफी समय से कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब वैज्ञानिकों ने एलियन्स के हुलिये को लेकर एक बड़ी जानकारी दी है, जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
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Aliens: क्या आपने कभी सोचा है कैसे दिखते हैं एलियंस? वैज्ञानिकों ने दी यह खास जनकारी ( How do aliens look expert say aliens look like a bacteria ) |
आज तक आपने सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरों में एलियन के अलग-अलग रूप देखें होंगे, लेकिन वह असल में कैसे दिखते हैं इसका दावा कोई नहीं कर सकता है। ऐसे में स्पेस एक्सपर्ट एशली किंग ने हाल ही में एक टीवी शो के दौरान एक खास जानकारी दी है।
एशली किंग ने बताया कि अगर हमें सोलर सिस्टम के दूसरे हिस्से में जीवन मिल गया, तो वह बैक्टीरिया के रूप (Aliens look like bacteria) में होगा। हालांकि वो हमसे संपर्क करने में सक्षम नहीं होंगे। एशली ने शो के दौरान कहा कि वह उल्का पिंडों की जांच पर काम कर रही हैं, जहां कई ऐसे सुराग पाए गए हैं, जो साबित करते हैं कि वाकई में एलियन्स होते हैं।
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Aliens: क्या आपने कभी सोचा है कैसे दिखते हैं एलियंस? वैज्ञानिकों ने दी यह खास जनकारी ( How do aliens look expert say aliens look like a bacteria ) |
साल 2021 में एशली ने विंकॉम्ब उल्का पिंड पर शोध किया था। यह उल्का पिंड आसमान से गिरा था, जिसे बीते 30 सालों में पहली बार रिकवर किया गया था। लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम से मंजूरी के बाद उन्होंने उसे जमा कर लिया था। एशली का कहना है कि यह पत्थर बेहद दुर्लभ है l
पत्थर के गिरने के 12 घंटे के भीतर ही इसे हासिल कर लिया गया था, क्योंकि वैज्ञानिक उल्का पिंड को धरती की गंदगी से गंदा नहीं होने देना चाहते थे, जिससे उन्हें शोध में प्रभाव पड़ सकता था। एशली ने आगे बताया कि कार्बोनेशियस पत्थर ही धरती पर जीवन की शुरुआत की वजह है, क्योंकि इसने जरूरी तत्वों को पृथ्वी पर लाने में अहम भूमिका निभाई थी। हैरानी ही बात है कि विंकॉम्ब उल्का पिंड में भी वैसा ही पानी मिला जैसा कि धरती पर है। ये पत्थर 4.6 बिलियन साल पहले ज्यूपिटर के पास बने थे।
हमारा सोलर सिस्टम पहले मात्र गैस और डस्ट था, जिनसे मिलकर कई उल्का पिंड बने। जब ये उल्का पिंड आपस में टकराए तो इन्होंने ग्रहों का रूप ले लिया। एशली ने कहा कि उल्का पिंड हमारे लिए खतरा हैं। डायनासोर के अंत की वजह बने ये उल्का पिंड इंसान का भी अंत कर सकते हैं।
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