सड़क दुर्घटना में घायलों का 'कैशलेस' इलाज, केंद्र सरकार ने लॉन्च किया पायलट प्रोग्राम
सड़क दुर्घटना में घायलों का 'कैशलेस' इलाज, केंद्र सरकार ने लॉन्च किया पायलट प्रोग्राम
सरकार ने सड़क हादसों में घायलों के इलाज के लिए नए योजना शुरू करने की घोषणा की है। फिलहाल ये योजना चंडीगढ़ में पायलट प्रोग्राम के तहत शुरू होगी। इसके बाद इसे देशभर में लागू किया जा सकता है। ये योजना क्या है और इससे कैसे फायदा होगा? आइए समझते हैं।
नई दिल्ली: सड़क परिवहन मंत्रालय ने चंडीगढ़ में सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कैशलेस इलाज देने के लिए एक नया पायलट प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की है। इस योजना के तहत घायलों को 7 दिनों तक के लिए डेढ़ लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त में मिल सकेगा। चंडीगढ़ के बाद इस योजना को पूरे देश में लागू करने पर विचार किया जा सकता है। फिलहाल मंत्रालय इसके नतीजों को देखेगा और आगे फैसला लेगा। मंत्रालय का कहना है कि इस योजना का मकसद सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर इलाज देना है, खासतौर पर हादसे के पहले घंटे के दौरान, जिसे Golden Hour माना जाता है।
रोड एक्सीडेंट में होने वाली आधी मौतों को रोकने की कोशिश
इस कैशलेस इलाज योजना को लागू करने का काम राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) पुलिस, अस्पतालों और राज्य स्वास्थ्य एजेंसी (SHA) के साथ मिलकर करेगा। सड़क हादसों से जुड़ी स्टडी में पाया गया है कि अगर एक्सीडेंट के एक घंटे के भीतर पीड़ित को इलाज मिले, तो करीब आधी सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।
कितना आता है इलाज में खर्च?
सूत्रों के मुताबिक, सड़क मंत्रालय के आंकलन में पाया गया है कि लगभग 97% सड़क दुर्घटनाओं में इलाज का औसत खर्च करीब 60,000 रुपये होता है। बहुत कम ही ऐसे मामले होते हैं, जहां पीड़ितों को लंबे समय तक अस्पताल में रहने की जरूरत पड़ती है।
किस-किस को मिलेगा योजना का फायदा?
यह कैशलेस इलाज कार्यक्रम सभी तरह की सड़कों पर होने वाली मोटर वाहन दुर्घटनाओं को कवर करेगा। आयुष्मान भारत (PM-JAY) योजना के तहत गंभीर चोट (ट्रॉमा) और कई तरह की चोट (पॉली-ट्रॉमा) के इलाज के पैकेजों को भी इस कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। इस योजना के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने विभिन्न विभागों के साथ विचार-विमर्श किया था, जिसे 2019 में केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम में शामिल किया गया था।