#SEO #What is Canonical Tag on any Blogpot blog ? || Adwantages, Uses & Structure , kya Hai ? Blog me cononical tag ka use kyon kiya jata hai? full
#SEO #What is Canonical Tag on any Blogpot blog ? || Adwantages, Uses & Structure of Cononical Tag on blog || Canonical Tag kya Hai ? Blog me cononical tag ka use kyon kiya jata hai? full information of Rel Canonical URL Code Tool In Hindi :
हेल्लो ... फ्रेंड्स, नमस्कार ! मैं सूरज सिंह जोशी आप सभी का अपने ब्लॉग "ज्ञान का फूल" में स्वागत करता हूँ | दोस्तों , आज के इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगा की "#SEO #What is Canonical Tag on any Blogpot blog ? || Adwantages, Uses & Structure of Cononical Tag on blog || Canonical Tag kya Hai ? Blog me cononical tag ka use kyon kiya jata hai? full information of Rel Canonical URL Code Tool In Hindi " तो दोस्तों, यदि आप कोनोंइकल टैग के बारे में इन सभी जानकारियों को जानना चाहते है तो हमारे इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़िए |
1. What is Canonical tag / cononical Url ?कैनोनिकल टैग ( Canaical tag) क्या है ?
कैनोनिकल टैग ( Canaical tag) एक html (hyper text markup language) में लिखा गया एक कोडिंग होता है | Canonical Tag को 2009 में विकसित किया गया था जिसे Google Yahoo और Microsoft ने एक साथ मिलकर Lounch किया था। यह सर्च इंजन के multiple कोनोंइकल url problem को solve करता है | एक प्रकार का html Code जिससे हम अपनी साइट पर गूगल के नज़रों में बन रहे duplicate पेज़ यानि Canonical tag को अपनी वेबसाइट में ऐड करते है। जिससे हमारे पेज़ को सर्च इंजन बहुत आसानी से समझ पाता है।
जिसका इस्तेमाल किसी ब्लॉग या वेबसाइट के निर्माण में किया जाता है | कैनोनिकल टैग ( Canaical tag) के इस्तेमाल से किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग का seo "Search engine optimization" में incriment किया जाता है | ब्लॉग या वेबसाइट में कैनोनिकल टैग ( Canaical tag) के इस्तेमाल से सर्च इंजन को कैनोनिकल टैग ( Canaical tag) वाले पेज को इंडेक्स करने का आदेश/ निर्देश दिया जाता है |
जब आप कंटेंट बनाते है तो use पब्लिश करने के लिए एक ही Url का इस्तेमाल करते है लेकिन सर्च इंजन bots को आपका वह वेब पेजेज या वेबसाइट कई अन्य अलग अलग url पर भी नजर आता है | जिससे सीढ इंजन में comfution की समस्या आता है जिसे दूर करने के लिए वेबसाइट के <head> सेक्शन में html फोर्मेट में Canonical Tag Use किये जाते हैं।
2. Canonical link या Canonical url का अर्थ :
Canonical link या Canonical url का अर्थ prefferd url या पेज को सेलेक्ट करना होता है। जब आपके वेबसाइट में same Content वाले एक से अधिक pages हो जाते हैं तो उस स्थिति में सर्च इंजन comfuesed हो जाता है की वह आपके कौन सा url या पेज को अपने सर्च इंजन में इंडेक्स करे | सर्च इंजन यह नही जान सकता की आपका Main orignal contant कौन सा है।
3. Canonical tag / cononical Url ? इस्तेमाल क्यों किया जाता है ?
जब किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग में एक ही जैसे बहुत सारे पेजेज होते है जिनमे contant एक ही जैसे होते है तो उस दौरान सर्च इंजन को अपने orignal पेज की पहचान बताने के लिए CANONICAL TAG /URL का इस्तेमाल किया जाता है | किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग में CANONICAL TAG /URL का उपयोग करके किसी भी सर्च इंजन ( जैसे बिंग , याहू , गूगल ) को यह बताया जाता है की हमारे द्वारा बनाने जाने वाले वेबसाइट या ब्लॉग का origenal URL कौन सा है |
किसी भी वेब साईट या वेब पेजेज के बहुत सरे यूआरएल (url ) एड्रेस हो सकते है जैसे यहाँ आपको मैं अपने ब्लॉग या वेबसाइट का url शो कर रहा हूँ | जैसा की मेरा वेब साईट "ज्ञान का फूल" का orignal url
है | लेकिन इसके साथ साथ ही मेरे ब्लॉग या वेबसाइट के को ओपन करने के के लिए निचे दिए url का भी इस्तेमाल किया जा सकता है - जैसे ,
- https://gyankaphool.blogspot.com
- http://gyankaphool.blogspot.com
- https://gyankaphool.blogspot.com/
- http://gyankaphool.blogspot.com/
ये सभी url (यूआरएल ) एक ही वेबसाइट के है | इस कंडीशन में सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन किये जाने पर सर्च इंजन को यह समझने में मुशिकल होता है हमारे वेबसाइट का orignal url कौन सा है , जिसे सर्च इंजन अपने पेजेज में इंडेक्स करे | इसी समस्या को दूर करने के लिए कोनोंइकल (cononical tag ) का इस्तेमाल किया जाता है जो की हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज ( HTML) लैंग्वेज में होता है |
4. Probulums of Multiple Blog Url On SEO :
जब किसी वेबसाइट या वेबसाइट के किसी पेज के कई url (यूआरएल ) address होने पर निम्न लिखित समस्याएँ उत्पन्न होती है जैसे -
- सर्च इंजन (गूगल, याहू, बिंग ) यह समझता है की ऊपर दी गई सभी वेबसाइट या ब्लॉग का Url अलग-अलग है तथा और इसके अंदर Content एक दूसरी वेबसाइट या ब्लॉग से कॉपी हुआ है या किया गया है
- Copyright Contant और url address एक होने से सर्च इंजन को पेज इंडेक्स करने में समस्या आता है की कौन से url को इंडेक्स करे | इससे पेजेज इंडेक्स नही होता है |
- इस प्रक्रार multiple url address होने से कॉपी राईट की समस्या आता है | चूँकि यहाँ मात्र यूआरएल address अलग अलग है जबकि सभी वेब पेज में जो Content इस्तेमाल किया गया है वह एक जैसा ही है | इस स्थिति में गूगल या अन्य सर्च इंजन इसे कॉपीराइट मानते है | इस प्रकार यदि किसी वेब पेजेज या वेबसाइट में कॉपीराइट की समस्या आता है तो आपके वेबसाइट गूगल की Copyright अल्गोरिथम के हिसाब से पेनाल्टी लगाया जा सकता है | जिससे आपके वेबसाइट को भी क्लोज या बंद किया जा सकता है |
5. वेबसाइट में (Canonical Page ) या डुबलीकेट पेज बनने का कारण :
किसी वेबसाइट में Canonical या same contant वाले पेज बनने का कारण निचे दिया गया है | यह कारण इस प्रकार है -
- Technical error होने पर : यदि आपके ब्लॉग या वेबसाइट में किसी भी प्रकार का कोई technical error पैदा होता है तो आपके ब्लॉग में इस प्रकार की "Canonical या same contant वाले पेज बनने " का समस्याएँ आ सकता है | जिससे ब्लॉग या वेबसाइट का पेज एक होने पर भी उसको कई url address द्वारा ओपन किया जा सकता है |
- Multiple Lable इस्तेमाल करने से : यदि आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट में multiple lable का इस्तेमाल करते है , तो इससे भी आपके ब्लॉग या वेबसाइट में Canonical या same contant होने का problum उत्पन्न हो सकता है | जिसे आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट में कोनोंइकल url का इस्तेमाल करके solve कर सकते है |
6. Solutions of Multiple Blog Url problums :
किसी भी ब्लॉग या वेबसाइट में multiple url की स्थिति से बचने के लिए वेबसाइट में कोनोनिकल tag या cononical url का इस्तेमाल किया जाता है | कोनोनिकल tag या cononical url के इस्तेमाल से हम सर्च इंजन को अपने वेबसाइट के मुख्य url address को बता सकते है | साथ ही साथ हम गूगल सर्च इंजन को कोनोनिकल tag या cononical url का ब्लॉग या वेब साईट में इस्तेमाल करके यह भी बताते है की जितने भी इस प्रकार के कोनोंइकल (cononical url ) है जैसे -
- https://gyankaphool.blogspot.com
- http://gyankaphool.blogspot.com
- https://gyankaphool.blogspot.com/
- http://gyankaphool.blogspot.com/
- https://gyankaphool.blogspot.com/amp (Amp Version of website)
- http://gyankaphool.blogspot.com/?m=1 (Mobile version on blogger)
इन सभी का url address एक ही है | जिससे सर्च इंजन में कॉपीराइट की समस्या ख़त्म हो जाता है | और आप का वेबसाइट कॉपीराइट की समस्या से बच जाता है जिससे वेबसाइट में सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ठीक तरह से कार्य करता है | आपका वेबसाइट ban नहीं होता है | इस लिए यदि आपके ब्लॉग या वेबसाइट में यदि इसी प्रकार का कोनोंइकल url से समस्या आ रहा है तो आप इस स्थिति में कोनोंइकल url tag का इस्तेमाल करके Duplicate Content या कॉपीराइट से बच सकते है |
7. How To Protect CANONICAL Issue On Blog or Website ?
दोस्तों यदि आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट को इस प्रकार उत्पन्न होने वाले कोनोनिकल issue या problum से बचाना चाहते है तो आपको अपने ब्लॉग या वेबसाइट में सर्च इंजन के द्वारा विकसित किया गया "cononical tag" का इस्तेमाल आपको अपने ब्लॉग या वेबसाइट में करना होगा | यह "cononical tag" एक प्रकार का html कोड होता है जिसका इस्तेमाल वेबसाइट या ब्लॉग का थीम (template) के कोडिंग में <head> tag के निचे किया जाता है |
यदि आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट में इस कोनिकल tag का इस्तेमाल करना चाहते है तो आपको निचे दिए गये स्टेप्स को फॉलो करने होगे | जिससे आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट में इस प्रकार के "cononical" url की समस्या से बच सकते है | ये स्टेप्स इस प्रकार है -
8. Steps for Addition of "cononical tag" on Blog or Website :
१. Canonical Tag को blogger Blog में Add करना :
निचे दिए गए स्टेप्स को को फॉलो करते हुए आप अपने ब्लॉगर ब्लॉग या वेबसाइट में "cononical tag" इनस्टॉल कर सकते है |
Step 1 :
सबसे पहले आप निचे दिए गये कोडिंग को देखिये .....
<link rel="canonical" href="https://gyankaphool.blogspot.com" />
इस कोडिंग में आपको "https://gyankaphool.blogspot.com" के जगह आपको अपने वेबसाइट के url address use करना है |
नोट : यह कोडिंग आप Canonical Tag generator की मदद से भी प्राप्त कर सकते है | इसके लिए निचे दिए गये लिंक को ओपन करें |
Step २ :
ऊपर दिए गये url address में https://gyankaphool.blogspot.com की जगह अपने ब्लॉग या वेबसाइट के url को paste दें |
Step 3:
अब आप ऊपर के कोडिंग -
<link rel="canonical" href="Your blog address url" />
को copy कर लीजिए |
Step 4:
अब आप copy किये गये ऊपर के कोडिंग को अपने ब्लॉग के template या थीम को ओपन करके इस कोडिंग को <head> tag के निचे paste कर सकते है |
<Head >
< link rel=”cannonical” href=”https://gyankaphool.blogspot.com”/>
</Head>
Step 5:
जब आप इस कोडिंग को अपने ब्लॉग या वेबसाइट में <head> सेक्शन के निचे paste कर देते है तो उसके बाद आपको अपने template या थीम को सेव save कर दें | जिससे आपके ब्लॉग या वेबसाइट में कोनोंइकल CANONICALAIZATION INSTALLATION सफलता पूर्वक हो जाएगा |
2. Canonical Tag को Wordpress Blog में Add करना :
यदि आप अपने wordpress ब्लॉग में "Canonical Tag" का इस्तेमाल करना चाहते है तो आपको इसे wordpress के लिए उपयोग होने वाले plugines के मदद से इन्स्टाल करना होगा | आप इसे youst seo pluggin द्वारा आसानी से अपने ब्लॉग या वेबसाइट में Canonical Tag को इस्ताल कर सकते है |
wordpress में जब आप अपने पेज़ के edit section में जाएँगे तो आपको yost seo की सेटिंग में scroll करने पर आपको advance option में एक एक् box मिलता है जिसमे wordpress canonical Url plugin से अपना canonical url address add करना होता है |
इस प्रकार आप अपने ब्लॉग या वेब साईट में कोनोंइकल tag का इस्तेमाल कर सकते है | जिससे आप अपने ब्लॉग को कॉपीराइट की समस्या से बचा सकते है | साथ ही साथ अपने ब्लॉग का सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन भी incriment कर सकते है |
9. Advantage of Canonical Tag (कोनोंइकल टैग इस्तेमाल करने के फायदे ) :
किसी ब्लॉग या वेब साईट में कैनोनिकल टैग इस्तेमाल करने से निम्नलिखित फायदे होते हैं –
१. किसी ब्लॉग या वेबसाइट में कोनोंइकल (Canonical Tag) का इस्तेमाल किये जाने से डुप्लीकेट कंटेंट की समस्या से बचा जा सकता है |
२. किसी ब्लॉग या वेबसाइट में कोनोंइकल (Canonical Tag) का इस्तेमाल किये जाने से सर्च रिजल्ट के पेज में रैंकिंग बेहतर होती है.
३.कोनोंइकल (Canonical Tag) का इस्तेमाल किये जाने से उस वेबपेज की Indexing सही रूप से होती है.
४. किसी ब्लॉग या वेबसाइट में कोनोंइकल (Canonical Tag) का इस्तेमाल किये जाने से Search engine bots को समझाने में आसानी होती है कि कौन से pages index करने हैं और pages index नही करना है |
10. FAQ for Canonical URL :
1. What are Canonical Tags?
Canonical Tags are such HTML tags that tell the search engine which is the main URL of the website or webpage.
2. Do Canonical Tags Affect SEO?
Canonical Tags protect the website from the problem of duplicity. Due to which the structure of the website remains correct and the user experience is also better. That's why Canonical Tags are important in SEO.
3. Where are Canonical Tags added?
Canonical Tag is placed in the head section of the website.
4. What is Canonical Issue?
This is the Canonical Issue when more than one URL of a website is created, and they all redirect to the same content.
11. Conclusion :
दोस्तों | आप ने यदी इस पोस्ट को पूरा पढ़ा होगा तो आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट के लिए कोनोंइकल tag का इस्तेमाल जरुर करना चाहेंगे | आप इस tag के इस्तेमाल से अपने ब्लॉग या वेबसाइट को सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन कर सकते है | यदि सर्च इंजन में आपके ब्लॉग या वेबसाइट के पेजेज को इंडेक्स करने में किसी भी प्रकार की कोनोंइकल समस्या का सामना करना पड़ रहा हो तो आप इसे आसानी से इस कोनोंइकल tag का इस्तेमाल करके solve कर सकते है |
12. इस पोस्ट में आपने पढ़ा :
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