[ What is Pierching ? Types of Pierchings? Adwantages & Disadwantages of Pierchings? Full Informations In Hindi] पियर्सिंग क्या है कितने प्रकार के
पियर्सिंग क्या है ? पियर्सिंग कितने प्रकार के होते है ? पियर्सिंग के फायदे और नुकसान आदि की पूरी जानकारी, हिंदी में [ What is Pierching ? Types of Pierchings? Adwantages & Disadwantages of Pierchings? Full Informations In Hindi]
दोस्तों! बॉडी पियर्सिंग के बारे में तो आप जानते ही होंगे , बॉडी पियर्सिंग द्वारा आप अपने शरीर के साथ फैसन चमक जोड़ सकते है | अपने शारीर के किसी विशेस भाग को हाईलाइट करने का बॉडी पियार्शिंग एक अनोखा और मजेदार तरीका है |
अनोखा और हाईलाइट दिखने का चाह हर किसी में होता है, इसे लोग फैसन के जरिये पूरा करते है | फैसन में अनोखा और सबसे अलग और आकर्षक दिखने के लिए लोग तरह तरह के आधुनिक फैसन करते है | उन्ही फैसन में से एक फैसन है बॉडी पियार्शिंगका फैसन जो की आज बहुत ही पॉपुलर और प्रसिद्द हो गया है | महिलाओं के साथ साथ आज पुरुष भी सबसे हट कर अपने आप को आकर्षक और विशेष व्यक्तित्व का दिखाने के चाह में बॉडी पियार्शिंग करवा रहे है|
बॉडी पियार्शिंग के माध्यम से लोग अपने जिस्म या शरीर के विशेष हिस्सों में ( जैसे की - कान, नाक, जीभ, नावेल (नाभि), होठ, आँख के ऊपर और शारीर के अन्य प्राइवेट पार्ट्स में ( जैसे - vegina ) इत्यादि ) में सुइयों के माध्यम से छेद करवाकर उसमे विशेष तरह के आभूषण या ज्वेलरी आदि को पहना पसंद करते है | ये ज्वेलरी कुछ विशेष तरह के धातुओं से मिलकर बना होता है - जैसे सोना, चांदी, स्टेनलेस स्टील इत्यादि, से इनका निर्माण किया जाता है | ये ज्वेलरी या आभूषनों को शारीर में पहनने से शारिर आकर्षक तो नजर आता ही है साथ में अन्य लोगो से अपना एक अलग व्यक्तित्व और पहचान भी बनता है | इन्ही कारणों से लोग आज आधुनिकता की युग में बढ़ चढ़ कर चाहे महिला हो या पुरुष, बच्चे, बूढ़े या हो जवान सभी बॉडी पियर्शिंग करवा रहे है |
वर्षों से , लोगों ने सौंदर्य संबंधी अपने लुक को विशेष और महत्वपूर्ण दिखाने की चाह में सभी प्रकार के पारंपरिक पियर्सिंग द्वारा खुद के शरीर को निखारने का काम किया है | पियार्शिंग जैसे बॉडी आर्ट एक्सेसरीज़ द्वारा खुद को हमेशा अपग्रेड किया है | आज आप अपने शरीर के लगभग किसी भी हिस्से को छिदवा कर उसमे आकार्शक और बेहतरीन look वाले गहने / ज्वेलरी पहन सकते है सकते हैं । पिएर्चिंग कई प्रकार के होते है | पियर्शिंग के प्रकारों के बारें में निचे बताया गया है |
पिएर्चिंग के प्रकार [ Types of pierching ] :
मानव शरीर के हिस्सों का अलग अलग नाम होता है | इन्ही हिस्सों के नामों के आधार पर उसमे होने वाले पिएर्चिंग का भी नामकरण किया जाता है | शरीर के लगभग सभी हिस्सों में पिएर्चिंग किये जाते है इन्हें विभिन्न प्रकार के perching के नामों से जाना जाता है | इनको पिएर्चिंग करने का तरिका भी अलग अलग होता है | साथ ही प्रत्येक हिस्सों में पहनने के लिए अलग अलग तरह के पिएर्चिंग ज्वेलरी का भी इस्तेमाल किया जाता है |
शरीर के पार्ट्स या हिस्सों के आधार में किये जाने वाले पिएर्चिंग के प्रकारों के बारे में निचे विस्तृत जानकारी दिया गया है -
पिएर्चिंग के प्रकार निम्नलिखित है -
1. नाक पियर्शिंग
2. कान पियर्शिंग
3. नाभि (नावेल) या belly button pierching
4. ear lob पिएर्चिंग
5. कार्टिलेज या हेलिक्स पिएर्चिंग
6. Tongue या जीभ पिएर्चिंग
7. industrial pierching
8. nipple पिएर्चिंग
9. privhet पार्ट्स pierching
आइये दोस्तों, अब इन सभी पिएर्चिंग के बारे में विस्तार से जानते है -
1. नाक पियर्शिंग ( Nose Pierching ) "नाक छिदवाना" :
दोस्तों ! नाक या nose पिएर्चिंग इस दुनिया में होने सबसे ज्यादा होने वाला पिएर्चिंग है | नाक pirching कोा सबसे ज्यादा महिलाऐं करवाती है | इस देश और दुनिया में महिलाऐं नाक पिएर्चिंग सदियों से करवाती चली आ रही है | नाक पिएर्चिंग करवाना भारतीय परंपरा में तो शामिल है ही साथ ही साथ अन्य देशों की परंपरा और रीती रिवाजों में भी शामिल है |
नाक पिएर्चिंग ( या नोज pierching) इस दुनिया में सबसे ज्यादा femose pierching है | महिलाऐं पूरी उम्र nose pierching के साथ रहती है | जन्म के कुछ सालों के बाद लड़कियों की नाक को छेद करवा दिया जाता है जिसमे ज्वेलरी पहना दिया जाता है | जिसके बाद इस छेद में पूरी उम्र भर वह लड़की तरह तरह के गहने, आभूषण या ज्वेलरी पहनती है | इस प्रकार भारत के साथ साथ कई देशों में नाक छिदने और उनमे ज्वेलरी ( nose रिंग या nose pin ) पहनने की खास परम्परा या रीती रिवाज चला आ रहा है | । प्राचीन काल से भारत में विशेष रूप से लोकप्रिय, नथ जैसे कई पारंपरिक भारतीय गहने इस प्रकार के भेदी के आसपास केंद्रित हैं।
Nose पिएर्चिंग जो की सबसे लोकप्रिय भेदीयो में से एक है , जब नाक छिदवाने की प्रक्रिया होता है उस दौरान नाक छिड़ने के लिए या भेदी हेतु व्यक्ति के नथुने या नाक में एक खोखली सुई से के जरिये छेद कर दिया जाता है | जिसमे nose pin या nose रिंग को डालकर hole या छेद में lock कर दिया जाता है | नाक मार्ग के नरम उपास्थि के माध्यम से छेदा गया, एक नथुने का छेदना अपेक्षाकृत कम दर्दनाक होता है। जिससे वह ज्वेलरी नाक या nose में फिट हो जाता है | इस प्रकार यह ज्वेलरी नाक का शोभा बढ़ाता है | यदि आप इस पियर्सिंग को करवाते है तो आप शानदार गहनों का फैशन कर सकते है | इसके लिए आपको एक nose ring या nose pin की आवश्यकता होगीं।
नाक pirching करवाने के कुछ दिनों तक व्यक्ति को नाक के इस पिएर्चिंग् का कुछ खास तरीके से देखभाल करने की जरूरत होता है | ताकि यह nose pirching के दौरान आपके शारीर के उस हिस्से किसी भी प्रकार की गंदगी ना जमा हो पाए जिससे संक्रमण का खतरा ना हो | कुछ दिनों में nose पिएर्चिंग का छेद ठीक हो जाता है |
2. नाभि (बेली बटन) पिएर्चिंग / भेदी :
नाभि या नावेल पियर्सिंग हमारे देश के साथ साथ विदेशो में भी प्रसिद्द है | नाभि पिएर्चिंग महिलाऐं ज्यादा करवाती है | नाभि perching से व्यक्ति का शारीर बहुत ही आकर्षक नजर आता है | बेली बटन पियर्सिंग में छेदी जाने वाली छेद या भेदी (pierching ) नाभि के ठीक ऊपर वसा और उपास्थि पर होती है और वास्तव में वह जगह है जहां आभूषण बैठता | नाभि perching में व्यक्ति में व्यक्ति के नाभि के आस पास की त्वचा में नीडल या सुई के माध्यम से छेद बनाया जाता है | ज्यादातर नाभि के उपरी और निचली त्वचा का उपयोग इस पिएर्चिंग हेतु किया जाता है | जिसमें छेद या होल करके उसमे नावेल नाभि रिंग या barbel का उपयोग किया जाता है | ज्यादातर नावेल पिएर्चिंग के बाद उसमें नावेल बारबेल या नावेल (नाभि ) रिंग या नाभि पिन को पहना दिया जाता है | नाभि पिएर्अचिंग जोखिम भरे पियर्सिंग में से एक है, लेकिन छेदने की प्रक्रिया में न्यूनतम या बहुत कम दर्द होता है। नाभि का आकार यह निर्धारित करने में एक भूमिका निभाता है कि शरीर भेदी (पिएर्चिंग) करने के बाद किस तरह का look दिखाई देता है |
नावेल या नाभि पिएर्चिंग करवाने के कुछ दिनों के बाद नावेल या नाभि पिएचिंग ठीक हो जाता है या छेद सुख जाता है | पिएर्चिंग के सुखाने तक संक्रमण का खतरा होता है | जिसके कारन से नावेल या नाभी पिएर्चिंग को कुछ खास ध्यान रखने का जरुरत होता है |
फ़िल्मी सितारो द्वारा नावेल या नाभि पिएर्चिंग को काफी ज्यादा कराया जाता है | वे इन्हें काफी ज्यादा पसंद करते है | समुद्रीय तटीय लोग इस pierching को ज्यादा करवाते है | इसके साथ साथ अन्य मॉडल या महिलाऐं भी नावेल पिएर्चिंग करवाना पसंद करते है | कुछ पुरुष भी नावेल पिएर्चिंग को पसंद करते है | इनमे से इसे पुरुष जो क्रॉस ड्रेसिंग करते है वे भी नाभि पिएर्चिंग करवाते है | जिससे उनका look बहुत ही आकर्षक नजर आता है | नाभि पिएर्चिंग महिलाओं या लडकियों में साडी या faisnble कपड़ों के साथ खूब जचता है | नाभि भेदी एक एसा और अद्भुत पिएर्चिंग है जो की व्यक्ति को आकर्षक रूप प्रदान करता है । किसी भी पिएर्चिंग को करवाने हेतु किसी अनुभवी पेशेवर द्वारा ही पियर्सिंग करवाने चाहिए जिससे यह सुनिश्चित होगा कि यह साफ और स्वस्थ बना रहे ।
चूँकि नाभि बहुत सारे बैक्टीरिया और शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में रहता है जिस कारण से नाभि पिएर्चिंग करवाने के दौरान खास तौर से पिएर्चिंग सुखने तक इस क्षेत्र को छेदन के लिए बहुत अधिक देखभाल और उचित स्वच्छता बनाए रखने की जरूरत होता है |
3 Nipple pierching [ निप्पल छेदना ] :
Nipple Pierching (निप्पल पियर्सिंग) भी इन दिनों काफी लोकप्रियता से बढ़ रहा है । महिला हो या पुरुष सभी फैसन की दृष्टिकोण से nipple pierching करवा रहे है और उसमे कुछ ख़ास तरह के फैसनेबल ज्वेलरी पहनना पसंद कर रहे है | nipple पिएर्चिंग द्वारा व्यक्ति नहीं आकर्षक नजर आता है बल्कि अपने आप में भी व्यक्ति द्वारा उत्त्साह और आत्मविश्वाश का अनुभव किया जाता है |
nipple pierching को privhet पार्ट्स pierching में भी गिना जाता है | महिलाऐं अपने nipple को हमेशा ढककर ही रखती है जिसके कारण से यह पिएर्चिंग नंगी या खुली आँखों से नजर नही आता है या दिखाई नहीं देता है | जबकि पुरुषों के nipple पिएर्चिंग की आसानी से देखा जा सकता है |
आज nipple pierching बहुत तेजी से लोगो का पसंद बनता जा रहा है | और इस दुनिया में हर कोई नए नए फैसन के दीवाने है | इन्ही दीवानेपन के कारण लोग हर तरह के नए नए फैसन को अपने शरीर या जिस्म में भी उतारना चाहते है | जिससे वे हमेशा दुशरों से अलग नजर आएं | और उनका व्यक्तित्व भी सबसे अलग बने | किसी भी पिएर्चिंग करवाने से पहले यह सुनिश्चित कर ले की आप एक अनुभवी पेशेवर द्वारा ही भेदी करवाएं जिससे आपको एक साफ भेदी प्राप्त हो जो ठीक तरह से जल्द से जल्द ठीक हो जाए, जिससे आप अपने भेदी या pirching का आनंद ले सके |
4. आइब्रो पियर्सिंग:
सदियों से विभिन्न प्रकार के पिएर्चिंग लोग करवाते आ रहे है जिमसे आइब्रो पिएर्चिंग भी उन्ही मेसे एक है | आइब्रो पिएर्चिंग को महिलाओं और लड़कियों द्वारा काफी पसंद किया जाता है जो अपने आप को सभी से हटकर फैसन द्वारा अलग look देना चाहते है, एसे लोगो द्वारा आइब्रो पियर्सिंग करवाया जाता है |
आइब्रो पियर्सिंग को करवाने से पहले चेहरे की शारीरिक रचना और आकार को समझना बहुत महत्वपूर्ण है, इस पिएर्चिंग को इन्हें समझकर इनके अनुसार ही करवाए तो बेहतर होता है |
5. औद्योगिक भेदी या industrial pierching :
औद्योगिक भेदी या इंडस्ट्रियल पिएर्चिंग बहुत ही आधुनिक पिर्चिन्ग है जो फैसन की दृष्टी कोण से लोगो द्वारा कानों में करवाए जाते है | जिसके बाद कानो में इन पिएर्चिंग्स के द्वारा गहने या jewellry पहना जाता है | औद्योगिक या industriyal पिएर्चिंग या भेदी में कान के ऊपरी किनारे पर छेद दो छेद कर दिए जाते है जिसमें ही ज्वेलरी पहना जाता है | एक औद्योगिक भेदी या पिएर्चिंग को बार भेदी के रूप में भी जाना जाता है । जो की दो पिएर्चिंग छिद्रों के द्वारा बार के आभूषण के एक टुकड़े से जोड़ता है । औद्योगिक भेदी या industriyal pierching के लिए सबसे लोकप्रिय जगह ऊपरी कान में होता है जबकि कुछ लोग इसे अपने अनुसार चुन सकते है की भेदी या pierching कहाँ पर करना है |औद्योगिक भेदी या industriyal pierching के ज्वैलरी एक बार के आकार की एक्सेसरी होती है जो दो छेदों को जोड़ती है। इस प्रकार का पियर्सिंग लोगो द्वारा खुब पसंद किया जाता है | इस प्रकार के pierching द्वारा आपको एक अनोखे और बेहतरीन look के मालिक बनते है | इस के pierchings के साथ आप एक किसी भी सिंपल ड्रेस या कपडे मे हो या केवल sandal में आप बहुत ज्यादा आकर्षक ही नजर आएँगे | मात्र आप अपने इंडस्ट्रियल पिएर्चिंग के द्वारा अपने व्यक्तित्व का परिचय देते है | भरी भीड़ में आपको यह peirching अलग look प्रदान करता है | यदि आप सबसे अलग नजर आना चाहते है तो आपको यह इंडस्ट्रियल pierching आपको जरुर करवाना चाहिए |
6. लोब पियर्सिंग ( Lobe pierching ) :
कान छिदवाने की जितनी भी तरीके है उन सभी तरीकों में से लोब पिएर्चिंग "Lobe Pierching" सबसे किया जाने वाला पिएर्चिंग है | लोब पिएर्चिंग के द्वारा व्यक्ति अपना अलग पहचान बनाता है | यह पिएर्चिंग भारत के साथ साथ पुरे विश्व में प्रसिद्ध है। लोब पिएर्चिंग में कान के नरम और मांसल लोब क्षेत्र पर एक लोब भेदी ( lobe pierching ) किया जाता है।
lobe pierching एक प्रकार का ऐसा pierching या भेदी है जो की जन्म के कुछ वर्षों के बाद बच्चों के माता पिता या अभिभवकों को द्वारा ही बच्चों के कानो में छेद करवा दिया जाता है जिनमे
ज्वेलरी पहना दिया जाता है | lobe pierching में ज्वेलरी के रूप में earpin या earring इत्यादि को पहना जा सकता है | महिलाओं या लड़कियों के लिए lobe pierching बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है | यह पिएर्चिंग महिलाओं या स्त्रियों के साथ उनके पुरे उन्रभर रहती है | lobe pierching में महिलाऐं अपने पुरे जीवन भर आभुशन या गहने ( ज्वेलरी जैसे - झुमका, earring, earpin, ear barbel इत्यादि ) पहनती है | लोब पियर्सिंग करवाना बहुत ही आसान होता है | lobe pierching को कान के सबसे मांसल भागों किया जाता है।
यह प्लेसमेंट एक लोब भेदी को वस्तुतः दर्द रहित प्रकारों में से एक बनाता है। यह lobe pierching का छेद अपने आप जल्दी ठीक हो जाता है, क्योंकि इसे ज्यादा देख रेख की भी जरूरत नहीं होता है | lobe पिएर्चिंग के लिए गहने या ज्वेलरी भारत सहित पुरे दुनिया में उपलब्ध है | दुनिया में कई इसे दुकान है या लोगो का व्यवसाय है जिनका धंधा या व्यवसाय मात्र पिएर्चिंग और पिएर्चिंग के ज्वेलरी के ऊपर ही चलता है | इसी के ऊपर उनका फ्यूचर होता है |
लोब pierching के द्वारा आप अपने कानो में कई प्रकार के झुमके या earrings पहन सकते है | इनकी संख्या आप अपने कान के छेदों को बढ़ा कर आसानी से बढ़ा सकते है | इससे आपका फैसन और look बढ़ता है जिससे आप आकर्षक नजर आते है | लोब pirchings को दुबारा जोड़ा जा सकता है | लोब पिएर्चिंग को ठीक होने लगभग 2 से 4 सप्ताह लगता है | lobe pierching अन्य pierchings की तुलना में कम दर्द निय होता है | कानों में lobe pierching के द्वारा महिलाऐं और पुरुष - सोने चांदी और हीरों के साथ साथ अन्य धातुओं के गहने पहना पसंद करती है | जो की काफी ज्यादा आकर्षक होता है | lobe pierching ज्यादातर सबकी पहली चाह और पसंद होती है |
7.कार्टिलेज या हेलिक्स पियर्सिंग :
जब लोकप्रियता की बात आती है तो कार्टिलेज या हेलिक्स पियर्सिंग लोब पियर्सिंग के बाद दूसरे स्थान पर आते हैं । कार्टिलेज पियर्सिंग आपके कान के ऊपरी रिज के साथ जाती है और स्टड या रिंग के साथ की जा सकती है । स्टैक्ड लुक बनाने के लिए लोग अक्सर डबल या ट्रिपल हेलिक्स पियर्सिंग करना चुनते हैं ।
कान छिदवाने में से एक, एक हेलिक्स पियर्सिंग भी एक प्रकार का कार्टिलेज पियर्सिंग है और यह कान के ऊपरी किनारे के बाहर कर्ल पर दिखाई देता है। आमतौर पर एक छोटी सुई के साथ किया जाता है, इस प्रकार का भेदी दर्द के पैमाने पर कम होता है क्योंकि यह कान के किनारे के अधिक मांसल हिस्से पर होता है। लोब पियर्सिंग के अलावा, यह कान छिदवाने के अधिक सामान्य प्रकारों में से एक है।
एक बहुत ही फेमिनाइन या महिला लुक, इस तरह की पियर्सिंग ड्रेस के साथ बढ़िया है और हुडी और अधिक स्मार्ट कैजुअल लुक के साथ क्यूट दिखने के लिए भी काफी बहुमुखी है। इस प्रकार के भेदी का एकमात्र नकारात्मक पक्ष यह है कि इसे ठीक करने के लिए छह महीने की आवश्यकता होती है, अन्य प्रकार के कान छिदवाने की तुलना में काफी लंबा ।
8. एर्ल/ब्रिज पियर्सिंग :
एक प्रकार का फेशियल नोज़ पियर्सिंग है | इस प्रकार के ब्रिज पियर्सिंग नाक के उपरी हिस्से में दोनों आँखों के बिच के नाक में किया जाता है | इस प्रकार के पिएर्चिंग के द्वारा आपके face या चेहरे की सुन्दरता काफी अधिक बढ़ जाता है |
यह पिएर्चिंग या भेदी, बॉडी pierching शैलियों में से बहुत ही आकर्षक शैली है | इस शैली से एर्ल ब्रिज pirching करवाकर आप निश्चित रूप से अपने आपको विशिष्ट रूप में औरों से अलग ही पाएँगे | इस प्रकार के भेदी के लिए उपचार का समय आम तौर पर 8 से 10 सप्ताह होता है।
यह पिएर्चिंग एक पुल भेदी पेर्चिंग है जो की नाक के पुल के पास एक क्षैतिज पट्टी के रूप में होता है। pierhing के इस शैली या प्रकार का उपयोग यैसे लोगो द्वारा किया जाता है जिनके नाक के ऊपर पर्याप्त मात्रा में चमड़ी होता है | त्वचा के आभाव होने पर नाक के ऊपर इस प्रकार के पिएर्चिंग करने में काफी मुश्किलें होती है | साथ ही यदि आप चश्मे यदि लगते है तो भी आपको सही जगह में ही इस pirching को करवाना होगा ताकि चस्मा लगाने के दौरान आपको किसी भी प्रकार की समस्या या परेशानी न हो | सुनिश्चित कर ले कि आपका प्लेसमेंट आपकी नाक के पुल पर इतना ऊंचा है कि आपके आईवियर या चस्मा आराम से फिट हो सकें।
9. शंख भेदी :
संख भेदी या संख pirching ear pierching का ही एक प्रकार है | इस प्रकार का ear pierching सबसे आकर्षक बॉडी pirching में से एक periching है | खोल या संख प्रकार का ear pirching आप के कान के मध्य भाग में किए जाते हैं। यह पिएर्चिंग सबसे अधिक स्थान वाला कान क्षेत्र में किया जाता है , इस प्रकार के पिएर्चिंग के द्वारा कानो में बालियों को पहना जाता है | ज्यादातर महिलाऐं और लड़कियां इस तरह की pieching करवाती है | उन्हें अपने कानो को छिदवाने में बड़ा आनंद आता है | इसी कारन से वें बॉडी पिएर्चिंग के नए नए तरीकों और आभूषणों या जेवेल्लेरी का खुद के ऊपर उपयोग करती है | शंख छेदन या shunkh pierhcing कान के मोटे हिस्से पर होता है, इसलिए यह थोड़ा दर्दनाक हो सकता है और इसे ठीक होने में अधिक समय लग सकता है।
शंख peirching में पहनने के लिए बालियां 2 प्रकार की आती हैं | इन्हें आंतरिक और बाहरी बालियों के रूप में जाना जाता है |'आंतरिक' प्रकार के शंख भेदी के लिए कान के केंद्र में एक छेद किया जाता है और इसे अक्सर एक छोटे स्टड के साथ पहना जाता है | जबकि एक 'बाहरी' शंख भेदी या पिएर्चिंग में कान के छेद या pieching में एक घेरा या अंगूठी को इसके माध्यम से गुजरने और कान के उपास्थि के बाहरी किनारे के चारों ओर जाने की अनुमति दिया जाता है | इस प्रकार का पिएर्चिंग उन लोगों के लिए बेहतर और उपयुक्त है जो वास्तविक भेदी के बिना शंख-सज्जित या संख पिएर्चिंग में jewellery के साथ दिखना चाहते हैं ।
10. मेडुसा या फिल्ट्रम पियर्सिंग :
मेडुसा पियर्सिंग, body पियर्सिंग के सबसे आकर्षक प्रकारों में से एक है |
इस प्रकार के पियर्सिंग आपके होठों के केंद्र के ऊपर की त्वचा में किया जाता है मेडुसा पियर्सिंग थोडा दर्दनाक होता है |
इस पिएर्चिंग को करवाने के दौरान दर्द का आनंद लिया जा सकता है | मेडुसा पियर्सिंग के लिए बहुत अधिक उपचार और देखभाल की आवश्यकता होती है।
11. ट्रैगस पियर्सिंग [Tangue Pierching] या जीभ पिएर्चिंग :
tangue या जीभ पिएर्चिंग भी अन्य pierching की तरह ही बहुत ही आकर्षक और लोकप्रिय pirching है | tangue pierching में व्यक्ति के tangue या जीभ को छेद या pierching किया जाता है जिसमें jewellery के रूप में barbel को पहना दिया जाता है | समय के साथ साथ पिएर्चिंग में पहने जाने वाले ज्वेलरी या बारबेल के साइज़ को बढाया जा सकता है | jwellery की साइज़ pierching के size के ऊपर ही निर्भर करता है की की कितने gauge का jewellery पिएर्चिंग hole में आएगा |भारत में ही नहीं बल्कि पुरे विश्व में बॉडी pierching के सभी प्रकारों के साथ साथ tangue peirching भी काफी लोकप्रियता के साथ दिन बदिन बढ़ता ही जा रहा है | लोगो द्वारा tangue pirching को काफी ज्यादा पसंद किया जा रहा है | tangue पिएर्चिंग में जीभ में सुइयों या सेरिज के द्वारा छेद किया जाता है उसके बाद उन्ही छेदों में barbel को पहना दिया जाता है | ये barbel दो हिस्सों में बातें हुए होते है जिन्हें चूड़ियों के माद्यम से कस दिया जाता है | जिससे जीभ का शोभा और सुन्दरता बढ़ता है |
12. लैब्रेट पियर्सिंग या lips pierching :
लिप पियर्सिंग के लिए लैब्रेट पियर्सिंग एक और ट्रेंडी विकल्प है ।
यह भेदी आपके छेदक द्वारा आपके होंठ को बाहर रखने और सुई से छेदने के लिए एक क्लैंप का उपयोग करके किया जाता है ।
लैब्रेट पियर्सिंग में रिंग शामिल हैं जो नीचे के होंठ को गले लगाते हैं या स्टड जो उसके ठीक नीचे बैठते हैं।
13. डेथ पियर्सिंग [ Deth pierching ] :
डेथ पियर्सिंग में एक घेरा या अंगूठी शामिल होती है जो आपके कान के आंतरिक उपास्थि भाग पर जाती है। यह भेदी आपके कान नहर के ठीक बाहर एक अर्धचंद्राकार आकृति बनाती है और अधिक से अधिक लोकप्रिय हो रही है।
14. रूक पियर्सिंग [Rook pierching ] :
रूक पियर्सिंग को अधिक रचनात्मक पियर्सिंग में से एक पाया जाता है और इसमें आमतौर पर ज्वेलरी पीस के रूप में बारबेल या हूप शामिल होता है।
पियर्सिंग एक खोखली सुई से की जाती है जो ट्रैगस के ठीक ऊपर , ऊपरी कान के रिज क्षेत्र को छेदती है । यह सुनिश्चित करना कि आप किसी पेशेवर को देखें भेदी के संभावित संक्रमण से बचने के लिए भेदी जो बाँझ उपकरण का उपयोग करता है, महत्वपूर्ण है ।
Body Pierching करवाने से पहले अपनाई जाने वाली सावधानियां :
बॉडी पिएर्चिंग करवाने से पहले आपको कुछ विशेष तरह के सावधानियां रखने की जरुरत होता है, जिससे आपके बॉडी या सरीर में peirching के बाद किसी भी तरह की संक्रमण या any धुल मिटटी धुंए इत्यादि का कोई प्रभाव न पड़े | जब भी आप बॉडी pierhing करवाए आपको कुछ सावधानियों को अवश्य अपनाना चाहिए ताकि आप इन सब चीजों से बच सके और अपने pierching या भेदी का आनंद उठा सके |
बॉडी पियर्सिंग को सफलतापूर्वक प्रदर्शन करने के लिए बहुत देखभाल और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। इसके लिए कुछ बेसिक नियम है जिनकी सहायता से आप किसी भी प्रकार के भेदी या pierching को करवा सकते है ये नियम निचे दिया गया है -
Body Pierching करवाने से पहले आपको निम्न लिखित सावधानियों का अवश्य पालन करना चाहिए -
1. एक अनुभवी और लाइसेंस प्राप्त पेशेवर बॉडी pierching करने वाले से ही अपने शरीर का छेदन करवाएं जो की body pierching करने के दौरान स्वच्छता के उचित मानकों को बनाए रखे और सही उपकरणों का उपयोग बॉडी pierching में करता हो।
2. आप कभी भी अपने ऊपर, खुद से छेद या pierching न करें। क्योकि एसें शरीर में छेद करने की कोशिस करना कई जटिलताओं को आकर्षित करता है | जो की संक्रमणों का कारण बन सकता है |
3. आप को बिना सावधानी , अनुभव और लाइसेंस के किसी अन्य व्यक्ति की या स्वयं की pierhing नहीं करना चाहिए | जब तक आप एक अनुभवी और लाइसेंस प्राप्त पेशेवर न हों तब तक आप office या घर पर किसी का या स्वयं का pirching करने या छेदने से बचे |
4. यदि आपकी pierching या भेदी के स्थान पर कोई दाने, तिल या गांठ हैं तो आपको अपने पिएर्चिंग करने वाले से इसके बारे में जरुर बात कर लेना चाहिए | साथ ही साथ आप अपने pierching कराने से पहले डॉक्टर से यह भी जरुर पता कर ले की पूर्व की चिकित्सा स्थितियों के चलते क्या पिएर्चिंग (pierching) करवाना सही होगा या नही | यदि आपके डॉक्टर या pierching करने वाला इसके pierching के लिए मना करता है तो आपको उनका बात जरुर मानना चाहिए |
5. अगर पियर्सिंग के बाद आपको किसी भी तरह की प्रतिक्रिया होती है, तो तुरंत आपको डॉक्टर या फिजिशियन को दिखाना चाहिए | जरा से भी आपको लापरवाही नही करना चाहिए |
6. एक बार में एक ही जगह पर बहुत सारे पियर्सिंग न करवाएं। इसे धीमी गति से करें, और समय के साथ अपनी पियर्सिंग बनाएं यदि आप यही चाहते हैं।
7. कान छिदवाने, चेहरे पर छेद करने, मुंह में छेद करने, धड़ को छेदने और सतह पर छेद करने के कई प्रकार हैं। आपको pierching करवाने से पहले इसके बारे में जरुर पता होना चाहिए | साथ ही आपको यह पूर्ण रूप से स्पस्ट होंना चाहिए की आपको अपना pierching कहाँ पर करवाना है और उस peirching को किस नाम से जाना जाता है | इसे आप अपने pierching करने वाले को जरुर बताइए |
8. भेदी या pierching करवाने से पहले यह देख ले की जिनसे आप pierching करवाने जा रहे है वह दस्ताने जरुर पहने होने चाहिए | जो दस्ताने पहनकर ही कार्य करे यैसे व्यक्ति से ही आपको अपना pierching करवाना चाहिए |
9. जिस जगह पर pierching या भेदी बनाना है उस स्थान को किसी बैक्टीरिया और अन्य संक्रमण नासी क्रीम या जेल द्वारा जरुर साफ किया जाना चाहिए | इसे साफ करके ही किसी भी प्रकार का भेदी या pierching किया जाना चाहिए , अन्यथा संक्रमन का खतरा होता है |
10. जिन सुइयों और सीरीजों का इस्तेमाल भेदी के लिए किया जा रहा है उन्हें पहले कीटाणु रहित कर लिया जाना चाहिए साथ हि उन्हें अछे तरह से साफ कर लिया जाना चाहिए की उसमे खून इत्यादि लगे हुए न हो. क्यों की इससे संक्रमण का भी खतरा हो सकता है | इसलिए इसका खास ध्यान रखा जाना चाहिए |
11. यदि जिस जगह आप pierching करवाने का सोच रहे है उस जगह पर पहले से यदि कोई tatoo बना हुआ हो तो आपको pieching करवाने से पहले इसके बारे में जरुर पता कर लेना चाहिए | की क्या tatoo वाले स्थान में pieching करवाना सही होगा या नहीं |
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